ज्योतिष

भोजन संबंधी ग्रहों से जुड़े शुभ-अशुभ विचार के बारे में चर्चा

Written by hindicharcha

नमस्कार दोस्तों आज की चर्चा में हम विचार करेंगे की कैसे ग्रह से जुड़े शुभ अशुभ विचार जिनकी वजह से आपको भोजन की प्राप्ति हो पाती है…

यदि आपकी जन्म कुंडली में लगनेश पर शुभ ग्रहों का प्रभाव है तो घर की ग्रहणी ( माता/ पत्नी ) आपके लिए प्रेम पूर्वक भोजन बनाएगी | जबकि इसके विपरीत लगनेश पर अशुभ ग्रहों का प्रभाव होने पर घर की ग्रहणी ( माता / पत्नी ) आपके लिए भोजन बनाते समय क्रोध और झगड़ा करेगी |

यदि आपकी जन्म कुंडली में चतुर्थ भाव का स्वामी शुभ गृह या शुभ प्रभाव में हो तो आपको समय से भोजन मिलेगा | जबकि इसके विपरीत चतुर्थ भाव के स्वामी की अशुभ स्थिति या पापी गृह की स्थिति चतुर्थ भाव में होने पर भोजन मिलने में देरी होगी या फिर अनियमित भोजन कभी कम तो किसी दिन ज्यादा भोजन मिलता है |

यदि आपकी जन्म कुंडली में सप्तम भाव का स्वामी गृह शुभ प्रभाव में हो तो आपको भोजन में अच्छे अच्छे मीठे पकवान खाने को मिलेगे, भोजन आपकी पसंद अनुसार होगा | जबकि इसके विपरीत यदि सप्तमेश अशुभ प्रभाव में हो या फिर सप्तम भाव में पापी गृह की स्थिति होगी तो जातक को पसंद के विपरीत, बासी भोजन, खाने में स्वाद ना होना, बहुत ज्यादा कडवा या बासी भोजन ऐसे भोजन करने को मिलते हैं |

यदि आपकी जन्म कुंडली में दसम भाव का स्वामी गृह शुभ प्रभाव में होगा तो ऐसे जातक को परिवार के साथ हंसी खुशी , अच्छे माहोल में बैठ कर भोजन करने के अवसर मिलते हैं | जबकि इसके विपरीत अगर जन्म कुंडली में दसम भाव में अशुभ गृह की स्थिति हो या फिर दशमेश पर अशुभ गृह का प्रभाव हो तो भोजन करते समय भी अकेलापन, मन में चिंता, तनाव का अनुभव होता है |

यदि गोचर में जन्म कुंडली में सप्तम भाव को अशुभ ग्रह प्रभावित करे तो भोजन में बाधा, भोजन में कंकर, भोजन में बाल आदि मिलते हैं | और यदि गोचर में सप्तम भाव को शुभ गृह प्रभावित करते हो तो उन दिनों में मीठे भोजन, खीर, दूध, दहीं, मन को प्रसन्न करने वाले भोजन की प्राप्ति होती है |

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