लाइफस्टाइल स्वास्थ्य

ताली बजाने से होने वाले जबरदस्त लाभ

Written by hindicharcha

नमस्कार दोस्तों हिंदी चर्चा में आपको स्वागत है, आज की स्वास्थ्य चर्चा में हम आपको बताएँगे की इस दौड़ती-भागती जिंदगी में आज अगर हम कुछ खो रहे है तो वो है स्वास्थ्य। देखा जाए तो आज इंसान के पास सारे सुख-सुविधा के साधन है लेकिन फिर भी हर व्यक्ति किसी ना किसी रूप में शारीरिक कष्ट से गुजर रहा है।

ऐसे में अगर हम कहे की आप दिन में दो मिनट ताली बजा के स्वस्थ रह सकते है जिसमें ना कोई खर्चा है और ना ही कोई मेहनत। तो जरूर आपके मन में यह बात आ रही होगी की क्यों मजाक कर रहे हो। मित्रो, यह मजाक नहीं बल्कि शत प्रतिशत सच है। आइए जानें ताली बजाने के फायदे, महत्व और स्वास्थ्य लाभ।

स्वस्थ रहने के लिए यह सबसे अच्छा और सस्ता व्यायाम है जिसका कोई भी स्वास्थ्य नुकसान नहीं हैं। रिसर्च के आधार पर ताली बजाने के फायदे इतने है की आप यह लेख पढ़ते-पढ़ते ही ताली बजाना शुरू कर देंगे।

ताली की ध्वनि सुबह के संगीत से भी कई गुणा अधिक प्रभावशाली होती है। ताली बजाने में इतना आनंद आता है की बच्चे तो जन्म से ही ताली बजाने लग जाते है। किसी खुशी के संकेत के रूप में या उत्सव को मनाने का बहाना हो या किसी को प्रोत्साहित करना हो या अच्छे नंबर का मौका हो या किसी की सफलता का दिन हो बहाना चाहे कुछ भी हो ताली का संबंध अच्छे कार्यो से ही जुड़ा है। तो अब आप ही सोचिए अच्छे के लिए किया काम क्या कभी नुकसान पहुँचा सकता है।

हम जब भी बहुत खुश या उत्साहित होते है तो ताली बजाना शुरू कर देते है। वैसे भी यह कोई कठिन कार्य तो है नहीं और ना ही इसमें बहुत समय लगता है। जब भी जहाँ भी बैठे हो बस दो मिनट की ताली से सेहत को चुस्त-दुरुस्त रख सकते है। आप कभी भी ताली बजा के स्वास्थ्य लाभ ले सकते है लेकिन सुबह के वक्त ताली बजाने के फायदे से वंचित ना रहे। आपने कई बार सुबह अपने आस-पास या पार्क में लोगों को ताली बजाते देखा होगा। बिन बात के ताली बजाने का मतलब ऐसे लोगों के लिए सेहत को निरोग रखने से है।

आध्यात्मिक मान्यता क्या कहती है – हम बचपन से यह देखते आए है जब भी आरती, कीर्तन, सत्संग, पूजा या अनुष्ठान कुछ भी हो ताली खूब जोर-जोर से बजाई जाती है। जिसमें से कई लोग तो यह बिल्कुल नहीं जानते की ताली बजाते ही क्यों है बस सब बजा रहे है तो बजा लो। जबकि यह प्रथा सनातन काल से चली आ रही है। मान्यता तो यह भी कहती है जन्मों से संचित पाप भी नष्ट हो जाते है हाथ ऊपर करके ताली बजाने से।

जब हम प्रभु में लीन होकर ताली बजाने की क्रिया करते है तो हमारा दिमाग अधिक सक्रिय और ऊर्जावान हो जाता है जिससे हमें सही-गलत का भान होने लगता है। निष्कर्ष यह निकलता है हमारे पूर्वजों द्वारा बनाए हर कार्य के पीछे कोई ना कोई वैज्ञानिक कारण जरूर है। इसी कारण से इन कार्यो को पूजा और अनुष्ठान से जोड़ा गया जिससे व्यक्ति पूजा के नाम पर ही कम से कम करे तो सही और स्वास्थ्य लाभ लेते रहे।

एक्यूप्रेशर सिद्धांत क्या कहता है – हमारे शरीर के 29 पॉइंटस हमारे हाथों में होते है जिनमें संपूर्ण शरीर के प्रेशर पॉइंट होते है। इन प्रेशर पॉइंट को दबाने से संबंधित अंग तक रक्त और ऑक्सीजन का संचार अच्छे से होने लगता है।
अगर पहले से कोई रोग है तो वो ठीक होने लगता है और अगर शरीर में कोई रोग नहीं है तो उसे रोगग्रस्त होने से बचाता है। एक्यूप्रेशर के अनुसार इन सभी दबाव बिंदु को सही तरीके से दबाने का सबसे सहज तरीका है ताली।

हथेली पर दबाव तभी अच्छा बनता है जब ताली बजाते हुए हाथ लाल हो जाए, शरीर से पसीना आने लगे। जिससे शरीर के समस्त आंतरिक अंग में एनर्जी भर जाती है और सभी अंग अपना कार्य सही ढंग से करने लग जाते है। ताली से आपको एकाएक तो नहीं लेकिन धीरे-धीरे स्वास्थ्य लाभ जरूर दिखेंगे।

ताली बजाने के, स्वास्थ्य लाभ!

ताली बजाने से खून में बुरे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है तथा इस जैसी तमाम रुकावटे और गंदगी भी साफ हो जाती है, जिससे हार्ट अटैक जैसी समस्या का खतरा कम हो जाता है। ताली बजाने से शरीर में रक्त का संचार अच्छे से होता है जिससे फेफड़ों में अस्थमा संबंधित रोग का खतरा भी टलता है।

तेज ताली बजाने से आँख, कान, दिमाग, रीढ़ की हड्डी, कंधे आदि सभी बिंदुओं पर प्रभाव पड़ता है जिससे तनाव, अनिद्रा, आँखों की कमजोरी, पुराना सिर दर्द, जुखाम, बालों का झड़ना जैसी समस्या से राहत मिलती है।

विशेषज्ञों की मानें तो ताली बजाने से बाएं हाथ की हथेली में लीवर, छोटी-बड़ी आंत, किडनी, लंग, गॉल ब्लैडर और दाएं हाथ की हथेली में साइनस के प्रेशर पॉइंटस दबते है और इन सभी अंगों में ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छे से होने लगता है जिससे गैस, कब्ज, संक्रमण, सांस की समस्या, एनीमिया आदि समस्या से राहत मिलती है।

ताली से मांसपेशियाँ प्रभावित होती है जिससे पूरे शरीर में ऊर्जा का संचार अच्छे से होता है। इतना ही नहीं नियमित ताली की आदत से खून में सफेद कणों को ताकत मिलती है जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

किसी भी तरह की पेट की समस्या जैसे गैस, अपच, कब्ज और मनोरोग जैसे चिड़चिड़ापन, तनाव, ध्यान में कमी आदि समस्या होने पर दायें हाथ की चारों उंगलियों को बायें हाथ की हथेली पर जोर-जोर से ताली के रूप में मारे। यह क्रिया सुबह-शाम कम से कम चार-पाँच मिनट के लिए करे। कुछ ही दिनों में आपको समस्या से मुक्ति मिल जाएगी।

रोजाना ताली बजाने की आदत से पीठ दर्द, कमर दर्द, गठिया, पाचन की समस्या, जोड़ों का दर्द, निम्न रक्तचाप, गर्दन दर्द, मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि समस्या में यह थेरेपी बहुत मदद करती हैं।

बच्चों में बचपन से ही ताली बजाने की आदत डालें इससे बच्चों का कौशल बढ़ता है। हस्त-कौशल में सुधार आता है जिससे बच्चों को लिखने से संबंधित सभी समस्या का समाधान जड़ से होता है। इतना ही नहीं बच्चों का दिमाग तेज होता है जिससे बच्चों की पढ़ाई में भी बहुत सुधार आता है।

रोजाना ताली बजाने से एक्सट्रा चर्बी धीरे-धीरे कम होने लगती है जिससे वजन तो कम होता ही है साथ में मोटापा भी घटता है। ताली की आदत से कुछ ऐसे हार्मोन पैदा होते है जो अच्छी नींद में सहायक होते है यानी अनिद्रा की समस्या भी गायब।

सामने की तरफ हाथ करके नीचे से ऊपर की तरफ गोलाकार घुमाते हुए ताली बजाने से लो ब्लड प्रेशर सामान्य हो जाता है, यह रामबाण उपाय है। ब्लड प्रेशर कंट्रोल में तो रहता ही है साथ ही रक्त संचार बढ़ता भी है जिससे नसों व धमनियों से सभी अवरोधक समाप्त हो जाते है और पूरे शरीर में एनर्जी व ऑक्सिजन का विस्तार भी अच्छे से होता है।

ताली के पूरे लाभ के लिए हाथों में नारियल या सरसों का तेल लगा ले जिससे यह तेल शरीर में जाएगा और हथेली के दबाव बिंदु भी अच्छे से एक्यूप्रेशर होंगे। आपकी चाहे कितनी भी खराब जीवन शैली हो या कोई भी व्यायाम ना भी करते हो, फिर तो आपको ताली जरूर बजानी चाहिए।

यह दुनिया का सर्वोत्तम एवं सरल सहज योग आपको हमेशा तरोताजा रखेगा, आप भविष्य की तकलीफों से बच सकेंगे। यकीन मानिए यह जादू की तरह काम करता है। कहने का मतलब यह है की गंभीर बीमारी हो जाने पर यह नहीं की आप इलाज छोड़कर बस ताली बजाए। यह रोगों को रोकने में बहुत प्रभावी है लेकिन रोग की दवा कतई नहीं। हाँ यह सत्य है इलाज के साथ अगर आप ताली बजाते है तो आप जल्दी स्वस्थ हो जाएँगे, क्योंकि ताली से सकारात्मक एनर्जी का विकास होता है।

रोजाना नियमित ताली बजाने से ऑक्सीजन का फ्लो इतना अच्छा हो जाता है की हमारे लंग्स को उचित रूप से ऑक्सीजन मिलने लगता है यही कारण हमें स्वस्थ रखता है। हम कई बार दूसरों को बढ़ावा देने के लिए, कई बार एक दूसरे को देखकर तो कई बार दूसरों की खुशी में किसी भी तरह से ताली बजाकर अपनी सहमति या खुशी जाहिर करते ही है तो क्यों ना आज और अभी से हम खुद की सेहत की खुशी के लिए अकारण ही ताली बजाने की पहल करे।

दोस्तों, तो फिर देर किस बात की ‘ताली बजाईए, और स्वस्थ हो जाइए‘ सदियों से चली आ रही इस प्रथा का कारण भले ही हम भूल गये, लेकिन हमारे पूर्वजों ने हमें सभी समस्या से लड़ने की प्राकृतिक धरोहर विरासत में दी है। इसका लाभ उठाइए और दूसरों को भी इस लाभ से अवगत करवाईए।

हमने यह लेख व्यवहारिक अनुभव व जानकारी के आधार पर आपसे साझा किया है। अपनी सूझ-बुझ का इस्तेमाल हमेशा करे। आपको यह लेख कैसा लगा? अगर इस लेख से आपको कोई भी मदद मिलती है तो हमें बहुत खुशी होगी। अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे। हमारी शुभकामनाएँ आपके साथ है। हमेशा स्वस्थ रहे और खुश रहे।

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