वास्तु

जानिए वास्तु शाश्त्र के 17 मुख्य सिद्धांत

Written by hindicharcha

हिंदी चर्चा के वास्तु ज्ञान में आज हम आपको बताएँगे की अगर आप भी घर का वास्तु दोष मिटाना चाहते है तो वास्तु शाश्त्र के 17 मुख्य सिद्धांत ध्यान रखें ।

तो आइये जानते है वास्तु शाश्त्र के 17 मुख्य सिद्धांत

1. घर का मुख्य द्वार 4 में से किसी 1 दिशा में हो। वे 4 दिशाएं हैं- ईशान, उत्तर, वायव्य और पश्चिम।

2. घर के सामने आंगन और पीछे भी आंगन हो जिसके बीच में तुलसी का एक पौधा लगा हो।

3. घर के सामने या निकट तिराहा-चौराहा नहीं होना चाहिए।

4. घर का दरवाजा दो पल्लों का होना चाहिए अर्थात बीच में से भीतर खुलने वाला हो। दरवाजे की दीवार के दाएं ‘शुभ’ और बाएं ‘लाभ’ लिखा हो।

5. घर के प्रवेश द्वार के ऊपर स्वस्तिक अथवा ‘ॐ’ की आकृति लगाएं।

6 . घर के अंदर आग्नेय कोण में किचन, ईशान में प्रार्थना-ध्यानका कक्ष हो। नैऋत्य कोण में शौचालय, दक्षिण में भारी सामान रखने का स्थान आदि हो।

7. घर में बहुत सारे देवी-देवताओं के चित्र या मूर्ति न रखें। घर में मंदिर न बनाएं।

8. घर के सारे कोने और ब्रह्म स्थान (बीच का स्थान) खाली रखें।

9. घर की छत में किसी भी प्रकार का उजालदान न रखें।

10. घर हो मंदिर के आसपास तो घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

11. घर में किसी भी प्रकार की नकारात्मक वस्तुओं का संग्रह न करें और अटाला भी इकट्ठा न करें।

12. घर में सीढ़ियां विषम संख्या (5, 7, 9) में होनी चाहिए।

13. उत्तर, पूर्व तथा उत्तर-पूर्व (ईशान) में खुला स्थान अधिक रखना चाहिए।

14. घर के ऊपर केसरिया ध्वज लगाकर रखें।

15. बहुत से लोग घर की छत पर अथवा सीढ़ी के नीचे कबाड़ जमा करके रखते हैं, जो धन वृद्धि में बाधक होता है।

16. घर में किसी भी तरह के नकारात्मक पौधे या वृक्ष रोपित न करें।

17. घर में टूटे-फूटे बर्तन एवं कबाड़ को जमा करके रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

हम आशा करते है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी, अगर आपको इसमें कोई त्रुटी लगे तो कृपया हमें कमेंट्स के माध्यम से बताएँ ताकि हम इसमें सुधार कर सकें. धन्यवाद.

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