वास्तु

वास्तु के अनुसार किस तरह की होनी चाहिए भूमि

Written by hindicharcha

हिंदी चर्चा के वास्तु ज्ञान में आज हम आपको बताएँगे की अगर आप भी घर का वास्तु दोष मिटाना चाहते है तो आप भी ध्यान रखें वास्तु के अनुसार किस तरह की होनी चाहिए भूमि.

मकान के लिए भूमि का चयन करना सबसे ज्यादा महत्व रखता है। शुरुआत तो वहीं से होती है। भूमि कैसी है और कहां है यह देखना जरूरी है। भूमि भी वास्तु अनुसार है तो आपके मकान का वास्तु और भी अच्छे फल देने लगेगा। प्लाट या फॉर्म हाऊस खरीदते वक्त रखें वास्तु का ध्यान… वास्तु : मकान बनाने से पहले याद रखें यह 3 बातें भूमि के प्रकार..

1. उत्तम : ब्रह्म, पितामह, दीर्घायु, सुपथ, स्थंडिल और अर्गल भूमि।

2. मध्यम : पुण्यक, स्थावर, चर, सुस्थान और सुतल भूमि।

3. निम्न : अपथ, रोगकर, श्येनक, शंडुल, श्मशान, सम्मुख और स्वमुख।*आपका मकान मंदिर के पास है तो अति उत्तम। थोड़ा दूर है तो मध्यम और जहां से मंदिर नहीं दिखाई देता वह निम्नतम है। मकान मंदिर के एकदम पीछे नहीं दाएं-बाएंबनाएं या सामने बनाएं।

मकान उस शहर में हो जहां 1 नदी, 5 तालाब, 21 बावड़ी और 2 पहाड़ हो। मकान पहाड़ के उत्तर की ओर बनाएं।

मकान शहर के पूर्व, पश्चिम या उत्तर दिशा में बनाएं। मकान के सामने तीन रास्ते न हों। अर्थात तीन रास्तों पर मकान न बनाए। मकान के सामने खंभा न हो। मकान में ईशान और उत्तर दिशा को छोड़कर और कहीं कुंवा या पानी का टैंक नहीं होना चाहिए।

हम आशा करते है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी, अगर आपको इसमें कोई त्रुटी लगे तो कृपया हमें कमेंट्स के माध्यम से बताएँ ताकि हम इसमें सुधार कर सकें. धन्यवाद.

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